Class 9 civics chapter 1 question answer Bihar board

Class- 9th     Civics     Chapter – 1      Question Answer 

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. एशिया के तीन गैरलोकतांत्रिक देशों के नाम लिखिए।

उत्तर- बर्मा (म्यांमार), भूटान, चीन ।

प्रश्न 2. चिली सोशलिस्ट पार्टी की स्थापना किसने की?

उत्तर- सेल्वाडोर आयेंदे ने ।

प्रश्न 3. सेल्वाडोर आयेंदे कौन था ?

उत्तर- चिली देश का राष्ट्रपति ।

प्रश्न 4. आयेंदे की सरकार का कब तख्ता पलट हुआ था ?

उत्तर- 11 सितम्बर, 1973 ई. को।

प्रश्न 5. 1980 ई० में पोलैंड में जो व्यक्ति हड़ताल में शामिल हुआ, उसका नाम था ?

उत्तर- लेक वालेशा।

प्रश्न 6.घाना के पहले निर्वाचित राष्ट्रपति कौन हुए ?

उत्तर- लामे एन क्रूमा ।

प्रश्न 7.अमरिकी स्वतंत्रता संग्राम किस देश के विरुद्ध लड़ा गया था 

उत्तर- ब्रिटेन के विरुद्ध ।

प्रश्न 8.म्यांमार के उस नेता का नाम बताइए जो लोकतंत्र के लिए लड़ती रहीं तथा नोबेल शांति पुरस्कार प्राप्त किया ?

उत्तर- आंग सान सूची।

प्रश्न 9. 20वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में पोलैंड में किस प्रकार का शासन था ?

उत्तर- साम्यवादी ।

प्रश्न 10.घाना में एनक्रूमा सरकार का तख्तापलट फिर कब हुआ? 

उत्तर-घाना में सेना ने 1966 ई. में तख्ता पलट दिया और लोकतंत्र समाप्त हो गया।

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लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.राष्ट्रपति आयेंदे ने निर्वाचित होने के बाद कौन से कार्य किये?

उत्तर- राष्ट्रपति आयेंदे ने अनेक सुधारवादी कार्यक्रम चलाये । उसने मजदूरों की दशा में सुधार, शिक्षा-प्रणाली में सुधार के अनेक प्रयास किये । बच्चों के लिए निःशुल्क दूध बाँटना, भूमिहीन किसानों को जमीन बाँटना आदि । उस समय चिली की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी । अतः आयेंदे ने मजदूरों के अधिक से अधिक कल्याण की बात सोचते थे तथा कानून बनाए । उनके इस सुधार कार्यक्रम से अमीर लोग राष्ट्रपति आयेंदे से नाखुश थे।

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प्रश्न 2. 1980 ई० में पोलैंड में कौन शासन करता था ?

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उत्तर- 1980 ई० में पोलैंड में साम्यवादी दल का शासन था। इस दल का नाम था पोलिश यूनाइटेड वर्क्स पार्टी । यह एक दलीय व्यवस्था थी। सभी शासकीय ताकत इसी दल के हाथों में थी। सरकार का पूरी अर्थव्यवस्था पर नियंत्रण था । अन्य साम्यवादी देशों की तरह पोलैंड में किसी अन्य राजनीतिक दल को राजनीति में भाग लेने का अधिकार नहीं था।

 

प्रश्न 3. भारत में लोकतांत्रिक विकास किस तरह से हो रहा है ?

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उत्तर- 1947 ई० में भारत स्वतंत्र हुआ। 1950 में भारत का अपना लोकतंत्र लागू हुआ। उस समय से आज तक भारत में लोकतंत्र का क्रमिक विकास हो रहा है । स्वतंत्र भारत में सब कुछ अपना है । नागरिकों को वयस्क मताधिकार से लेकर सभी लोकतंत्रात्मक अधिकार प्राप्त हैं।

 

प्रश्न 4. नक्शे में पोलैंड को ढूँढें तथा यह बतावें कि 1980 के दशक में यूरोप के किन-किन देशों में साम्यवादी शासन था ?

उत्तर- छात्र पोलैंड स्वयं ढूढ़े ] नक्शे के अनुसार 1980 के दशक में पूर्वी यूरोप के माल्दोवा, जार्जिया, बेलारूस, यूक्रेन, अजरबैजान तथा आर्मीनिया जैसे देशों में साम्यवादी शासन था।

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प्रश्न 5. उन देशों का नाम लिखें जहाँ वर्तमान में साम्यवादी शासन है।

उत्तर- वर्तमान समय में म्यांमार, भूटान, चीन, अफगानिस्तान, यमन, लीबिया, सउदी अरब तथा अंगोला जैसे देश में साम्यवादी शासन है।

 

प्रश्न 6. पोलैंड में मजदूर संघ इतना महत्वपूर्ण क्यों हो गया ?

उत्तर- पोलैंड में मजदूर संघ इसलिए महत्वपूर्ण हो गया क्योंकि किसी साम्यवादी शासन वाले देश में पहली बार एक स्वतंत्र मजदूर संघ का गठन हुआ। सरकार ने भी इस संघ की मान्यता दे दी थी।

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प्रश्न 7. अधिकांश देशों में महिलाओं को पुरुषों की तुलना में काफी देर से : मताधिकार क्यों मिला? भारत में ऐसा क्यों नहीं हुआ? ।

उत्तर- अधिकांश देशों में महिलाओं को पुरुषों की तुलना में काफी देर से मताधिकार इसलिए मिला क्योंकि महिलाओं को पुरुषों के समान नहीं माना जाता था । भातरीय स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं ने भी बढ़-चढे कर भाग लिया था। इसी दौरान भारत में सकारात्मक लोकतांत्रिक मूल्यों ने जन्म लिया था। उन मूल्यों में महिलाएँ समान समझी जाती थीं। अतः भारत में पुरुषों के साथ ही महिलाओं को भी मताधिकार मिल गया।

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प्रश्न 8. किसी को जीवन भर के लिए राष्ट्रपति चुनने को क्या आप उचित मानते हैं ?

उत्तर- किसी को जीवन भर के लिए राष्ट्रपति चुनने की विधि को उचित नहीं माना जा सकता क्योंकि ऐसा होने पर राष्ट्रपति निरंकुश तथा तानाशाह हो सकता है। घाना में राष्ट्रपति लामे एनक्रूमा अपने आपको आजीवन राष्ट्रपति के रूप में चुनवा लिया था । यद्यपि वह लोकतंत्र का राष्ट्रपति था परंतु उसकी तानाशाही से तंग हो सेना ने 1966 ई. में एनक्रूमा सरकार का तख्ता पलट दिया था।

 

प्रश्न 9. चिली में पिनोशे शासन और पोलैंड की साम्यवादी शासन में तुलना करें।

उत्तर– चिली में पिनोशे शासन और पोलैंड की साम्यवादी शासन में निम्नलिखित अंतर था चिली में सैनिक शासन था जबकि पोलैंड में एक पार्टी का शासन था। पोलैंड की साम्यवादी सरकार यह दावा कर रही थी कि वह पोलैंड के मजदूर वर्ग की ओर से शासन चला रही है और चिली के शासक का ऐसा कोई दावा नहीं था। पोलैंड का शासन किसी विशेष मजदूर संगठन के अधिनायकवाद का उदाहरण था । चिली का शासन सैनिक अधिनायकवाद था।

 

प्रश्न 10. चिली और पोलैंड दोनों की शासन व्यवस्था में कौन-सी समानताएँ थीं ?

उत्तर- चिली और पोलैंड दोनों में असमानता के बावजूद भी कुछ निम्नलिखित समानताएँ थीं दोनों देशों में शासकों का चुनाव जनता अपनी इच्छा से नहीं कर सकती थी। दोनों ही देशों में जनता को सरकार के समक्ष अपने विचार व्यक्त करने, संगठन बनाने, विरोध करने तथा राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने की वास्तविक स्वतंत्रता नहीं थी। दोनों ही देशों की जनता को खुलकर अपने विचारों को । अभिव्यक्त करने की आजादी नहीं थी। अतः स्पष्ट है कि दोनों की शासन व्यवस्थाओं में समानताएँ थीं।

 

प्रश्न 11. लिच्छवी गणतंत्र की प्रशासनिक व्यवस्था कैसी थी?

उत्तर- ईसा पूर्व 6ठी शताब्दी में बुद्धकाल में कई गणराज्यों में लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था थी। उनमें से लिच्छवी गणराज्य भी था । इस गणराज्य की कई प्रशासनिक विशेषताएँ थीं। इस गणराज्य में शासन का प्रधान एक निर्वाचित पदाधिकारी होता था जिसे राजा कहा जाता था । राज्य की वास्तविक शक्ति एक केन्द्रीय समिति के पास होती थी। जिसमें जनता के प्रतिनिधि होते थे। ये सभी प्रतिनिधि भी राजा कहलाते थे। लिच्छवी गणराज्य में केन्द्रीय समिति में 1707 राज प्रतिनिधि थे । प्रत्येक राजा के अधीन एक उप राजा, सेनापति तथा भंगरिक आदि पदाधिकारी होते थे। सभी प्रकार के निर्णय बहुमत से होता था। स्पष्ट है बुद्धकालीन गणराज्यों में शासकों का चुनाव होता था।

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प्रश्न 12. वैश्विक स्तर पर लोकतंत्र से क्या तात्पर्य है.? क्या कोई वैश्विक सरकार होनी चाहिए?

उत्तर- विश्व में लगातार बिगड़ रही शांति व्यवस्था की स्थापना के लिए एक विश्व सरकार होनी चाहिए। भारत की एक सरकार है, ब्रिटेन की एक सरकार है अन्य देशों में भी सरकारे हैं पर विश्व की कोई एक सरकार नहीं है जिसके द्वारा निर्मित कानून दुनिया भर के लोगों पर लागू हो। अतः विश्व स्तर पर लोकतंत्रात्मक सरकार का आना ही वैश्विक लोकतंत्र हुआ। विशाल विश्व में एक प्रशासन संभव नहीं है, फिर भी द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना एक तरह से वैश्विक स्तर पर लोकतंत्रात्मक कदम ही है।

 

प्रश्न 13. वीटो क्या है ? यह अधिकार किन-किन देशों को प्राप्त है ?

उत्तर- वीटो विशेषाधिकार है। जब सुरक्षा परिषद् के किसी भी फैसले के खिलाफ इसके स्थायी सदस्य इस अधिकार का प्रयोग करते हैं तो सुरक्षा परिषद् उसकी मर्जी के खिलाफ फैसला नहीं कर सकती अर्थात् पूर्व का निर्णय लागू नहीं होता। यह अधिकार स्थायी सदस्यों को प्राप्त है । स्थायी सदस्य हैं-अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन ।

 

प्रश्न 14. लोकतांत्रिक सरकार में और तानाशाही सरकार में क्या अन्तर है ?

उत्तर- लोकतांत्रिक सरकार में जनता द्वारा चने गए प्रतिनिधि शासन में भाग लेते हैं। लोकतांत्रिक सरकार में लोगों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, अवसर की समानता, मौलिक अधिकार, वयस्क मताधिकार जैसे लोकतांत्रिक सिद्धान्तों की प्रधानता दी जाती है। . परन्तु, तानाशाही शासन व्यवस्था में शासक की निरंकुशता प्रबल रही है। जनता के अधिकारों पर ध्यान नहीं दिया जाता है। तानाशाही अपने विरोधियों को कुचल कर रख देता है। तानाशाही शासन में मानवता कराहती है।

 

प्रश्न 15. ग्डांस्क संधि क्या थी?

उत्तर- साम्यवादी पोलैंड में 14 अगस्त, 1980 ई. को लेनिन जहाज कारखाना के एक क्रेन चालक महिला को गलत तरीके से नौकरी से निकाल दिया । अतः उसके समर्थन में अन्य कर्मचारी भी हड़ताल पर चले गये । उनकी माँगें थीं-

देश में स्वतंत्र मजदूर संघ को मान्यता मिले राजनैतिक बंदियों को रिहा किया जाय तथा प्रेस पर लगी सेंसरशिप हटाई जाए। इस तरह इस आन्दोलन की लोकप्रियता के समक्ष सरकार को झुकना पड़ा । लेक वालेशा के नेतृत्व में मजदूरों ने सरकार के साथ 21 सूत्री समझौता किया। यह समझौता ‘ग्डांस्क संधि’ कहलायी।

 

प्रश्न 16. भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में लोकतंत्र के अनुभव पर एक टिप्पणी लिखिए।

उत्तर- पाकिस्तान में लोकतंत्र की स्थापना एवं पतन की प्रक्रिया चलती रही है । जनरल जिया उल हक की मृत्यु 1990 के दशक में हुई। तब पाकिस्तान में लोकतंत्र की स्थापना हुई, लेकिन वह स्थायी नहीं रह सकी । 1999 ई. में जनरल परवेज मुशर्रफ ने प्रधानमंत्री नवाजशरीफ की तख्तापलट करते हुए सैनिक शासन की स्थापना की। परन्तु हाल में पाकिस्तान में हालात परिवर्तित हुए, और वहाँ की जनता ने लोकतंत्र के लिए संघर्ष किया। अन्त में जन-आन्दोलन के समक्ष सैनिक शासन को झुकना पड़ा और पाकिस्तान में चुनाव कराने पड़े। 2008 ई. के चुनाव के बाद पाकिस्तान पिपुल्स पार्टी की गठबंधन सरकार सत्ता में आयी। परवेज मुशर्रफ को गद्दी से हटना पड़ा । आसिफ अली जरदारी राष्ट्रपति हुए और युसुफ रजा गिलानी प्रधानमंत्री बने । इस घटना क्रम के अंतर्गत पाकिस्तान की लोकप्रिय नेत्रि बंजीर भुट्टो को अपनी प्राण गवानी पड़ी।

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राष्ट्रपति के पद पर मिशेल वैशले कायम हैं। इस प्रकार चिली के लोगों ने देश में लोकतंत्र की स्थापना कर दी।

 

 

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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. लोकतंत्र के विस्तार के विभिन्न चरणों का वर्णन करें।

उत्तर- आधनिक लोकतंत्र की कहानी कम-से-कम दो सदी पहले शुरू हुई। 1779 ई. के जन विद्रोह ने फ्रांस में टिकाऊ लोकतंत्र की स्थापना नहीं की थी। 19वीं सदी तक फ्रांस में बार-बार लोकतंत्र को उखाड़ फेंका गया और पुनः स्थापित किया गया। लेकिन फ्रांसीसी क्रान्ति ने पूरे यूरोप में जगह-जगह पर लोकतंत्र के लिए संघर्षों की प्रेरणा दी। ब्रिटेन में लोकतंत्र के तरफ कदम की शुरूआत फ्रांसीसी क्रान्ति से काफी पहले हो चुकी थी। लेकिन यहाँ प्रगति की रफ्तार काफी कम थी। 18वीं-19वीं सदी में हुए राजनैतिक घटनाक्रमों ने राजशाही और सामंत वर्ग की शक्ति में कमी कर दी । फ्रांसीसी क्रान्ति के आस-पास ही उत्तर अमेरिका में स्थित ब्रिटिश उपनिवेशों ने 1776 ई. में खुद को स्वतंत्र घोषित कर दिया। अगले कुछ ही वर्षों में इन उपनिवेशों ने साथ मिलकर संयुक्त राज्य अमेरिका का गठन किया। अमेरिका में 1789 ई. में एक लोकतांत्रिक संविधान लागू किया गया जो आजतक चला आ रहा है। 19वीं सदी में लोकतंत्र के लिए होनेवाले संघर्ष अक्सर राजनैतिक समानता, आजादी और न्याय जैसे मूल्यों को लेकर ही होते थे। तब एक मुख्य माँग हुआ करती थी कि सभी वयस्क नागरिकों को मतदान का अधिकार प्राप्त हो।

 

प्रश्न 2. 19वीं SVM CLASSESS SPECIAL BIHAR BOARD  में लोकतंत्र की स्थिति का वर्णन करें।

उत्तर- 19वीं शताब्दी में लोकतंत्र के लिए संघर्ष हुआ। इसमें प्रगति भी हुई। यह संघर्ष नागरिकों के राजनैतिक समानता, लोगों की स्वतंत्रता तथा न्यायिक निष्पक्षता जैसे मूल्यों के प्राप्ति तक ही सीमित रहा । अभी तक सार्वभौम वयस्क मताधिकार जनता को प्राप्त नहीं थे। 1900 ई. तक न्यूजीलैण्ड को छोड़कर किसी भी देश में जनता को सार्वजनिक वयस्क मताधिकार प्राप्त नहीं था । न्यूजीलैण्ड में 1893 ई. में ही जनता को सार्वजनिक वयस्क मताधिकार प्राप्त हो गया। कुछ देशों में मताधिकार उन्हीं को प्राप्त था जिसके पास निजी संपत्ति थी । अमेरिका में आम महिलाओं के साथ अश्वेत पुरुषों को भी मताधिकार मिला । इस तरह 19वीं शदी में लोकतंत्र की स्थापना हेतु संघर्ष की जरूरत थी। अतः वे लोग चाहे वह महिला हो अथवा पुरुष, चाहे वह गरीब हो या अमीर और चाहे श्वेत हो या अश्वेत, मताधिकार प्राप्ति हेतु संघर्ष करने लगे। इस तरह अब तक इतना तो अवश्य हो चुका था कि यूरोप, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका में आधुनिक लोकतंत्र की स्थापना का प्रारम्भिक चरण पूरा हो चुका था। इन देशों में बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी मर्जी से सरकार का चयन किया ।

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प्रश्न 3. एशिया और अफ्रीका के अधिकांश देशों में उपनिवेशवाद का अंत कैसे हुआ?

उत्तर- एशिया और अफ्रीका के अधिकांश देश यूरोपीय उपनिवेश थे। इन उपनिवेशों के नागरिकों को कोई राजनीतिक अधिकार प्राप्त नहीं था । अतः इन देशों की जनता ने अपने-अपने देशों में लोकतंत्र की स्थापना के लिए संघर्ष करना शुरू किया । यूरोपीय देश इन औपनिवेशिक देशों का आर्थिक शोषण कर रहे थे। जनता का संघर्ष आरम्भ हआ तो औपनिवेशिक शासकों ने इसे दबाने का प्रयास किया। संघर्ष के विस्तार देखते हुए औपनिवेशिक शासकों को जनता के समक्ष झुकना पड़ा तथा सीमित अधिकार वाली सरकार चुनने का अधिकार प्राप्त हुए। परन्तु जनता इससे संतुष्ट नहीं थी। अत: संपूर्ण राजनैतिक अधिकारों की माँग होने लगी। अंत में औपनिवेशिक शासकों को इन देशों को स्वतंत्र करना पड़ा। इसी तरह हमारा देश भारत 1947 ई. में स्वतंत्र हुआ और यहाँ लोकतंत्र की स्थापना हुई।

पश्चिमी अफ्रीका में घाना एक देश है; जहाँ लोकतांत्रिक शासन का प्रयोग बहुत अधिक सफल नहीं रहा । घाना पहले ब्रिटेन का उपनिवेश था और इसका नाम गोल्डकोस्ट था । राजनैतिक अधिकारों हेतु यहाँ संघर्ष का आरम्भ हुआ। एक सुनार का पुत्र एवं शिक्षक ‘लामे एनक्रमा’ इस संघर्ष का नेता था । इनके नेतृत्व में घाना 1957 ई० में स्वतंत्र हुआ। आजादी के बाद एनक्रमा घाना के प्रधानमंत्री एवं फिर राष्ट्रपति चुने गए । इस तरह पश्चिमी अफ्रीका में लोकतंत्र की स्थापना का प्रथम सफल प्रयास हुआ । घिर-घिरे यहाँ उपनिवेशवाद का अंत हुआ । सेना ने 1966 ई. में लोकतंत्र का खात्मा कर पुनः सैनिक शासन कायम कर दिया ।

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प्रश्न 4. चिली में लोकतंत्र की वापसी कैसे संभव हुई ?

उत्तर- चिली के चर्च, जमींदार वर्ग, अमीर लोग इनके खिलाफ थे, क्योंकि आयेंदे मजदूरों की दशा में सुधार, शिक्षा प्रणाली में सुधार तथा भूमिहीन किसानों को जमीन बाँटने जैसी लोकतांत्रिक नीतियों पर अमल कर रहे थे। 11 सितम्बर, 1973 को जनरल आगस्तो पिनोशे को आयेंदै का तख्ता पलट कर दिया और आगस्तो पिनोशे देश के राष्टपति बन बैठे। पिनोशे की सरकार ने आयेंदे के समर्थकों और लोकतंत्र की माँग करने वालों का दमन किया, कई लोगों को लापता कर दिया गया। 17 वर्षों तक उसका निरंकुश एवं क्रुर शासन चलता रहा । पिनोशे का सैनिक शासन 1988 ई. में तब समाप्त हुआ जब उन्होंने चिली में जनमत संग्रह कराने का फैसला किया । जनता ने भारी मतों से पिनोशे को ठुकरा दिया और चिली में लोकतंत्र की पुनर्स्थापना हुई। अब तक चिली में चार बार चुनाव हो चुके हैं। जनवरी 2006 ई. में राष्ट्रपति के चुनाव में चिली के पूर्व वायु सेना प्रमुख अलबर्टी वेशेल, जिनकी हत्या 1973 ई. में हुए विद्रोह के दौरान कर दी गयी थी; की पुत्री मिशेल वैशले विजयी रहीं। आज भी राष्ट्रपति के पद पर मिशेल वैशले कायम हैं। इस प्रकार चिली के लोगों ने देश में लोकतंत्र की स्थापना कर दी।

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प्रश्न 5. संयुक्त राष्ट्र के कितने अंग होते हैं ? वर्णन करें।

उत्तर- संयुक्त राष्ट्र के निम्नलिखित अंग हैं

महासभा-संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य राष्ट्र इसके सदस्य हैं।

सुरक्षा परिषद-अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, रूस तथा चीन इसके स्थायी सदस्य हैं। सुरक्षा परिषद् में 10 अस्थायी सदस्य हैं। इस प्रकार कुल 15 सदस्य हैं । 10 अस्थाई सदस्यों का निर्वाचन हर दो वर्ष पर होता र्थिक एवं सामाजिक परिषद्-इस परिषद् में कुल 54 सदस्य हैं। जो देशों के बीच आर्थिक तथा सामाजिक क्षेत्र में सहयोग स्थापना को प्रोत्साहित करती है। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय-इसमें कुल 15 सदस्य होते हैं; जिनका काम होता है अंतर्राष्ट्रीय विवादों को सुलझाना । इसके लिए संयुक्त राष्ट्र का एक अपना न्यायालय है। न्यास परिषद्-इसका एक न्यास परिषद् भी है। सचिवालय-संयुक्त राष्ट्र का अपना सचिवालय है जो अमेरिका के न्यूयार्क शहर में स्थित है । संयुक्त राष्ट्र के महासचिव सचिवालय के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी होते हैं । 

 

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