Chapter – 12 Question answer
रहीम के दोहे का अर्थ-लेखन
1. जो रहीम उत्तम-प्रकृति …………….. लपटे रहत भुजंग।
अर्थ – रहीम कवी के अनुसार जो व्यक्ति उत्तम स्वभाव का है उसको खराब व्यक्ति की संगति से कुछ भी दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा। जैसे – चंदन के पेड़ में साँप लिपटा रहता है लेकिन चन्दन पर उस साँप के विष का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
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2. रहीम निज-मन की …………….. बाँटि न.लैहे कोय॥
अर्थ – रहीम कवि कहते हैं कि अपने मन के दख को मन में समेटे रहो क्योंकि अन्य लोग तुम्हारे दुख को सुनकर केवल तुम्हारा उपहास ही करेंगे। कोई भी तुम्हारे दुख को बाँट नहीं सकता है।
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3. रहीमन धागा प्रेम …………….. गाँठ परि जाय॥
अर्थ – रहीम कवि का कहना है कि प्रेम रूपी धागा को आसानी से तोड़ने की कोशिश मत करो। क्योंकि प्रेम टूट जाने पर नहीं जुड़ता यदि जुड़ता भी तो उसमें गाँठ पर जाता है। जैसे टुटे धागा को जोड़ने पर गाँठ पड़ जाता है।
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4. तरुवर फल नहिं ………………. सँचहिं सुजान।
अर्थ – वृक्ष अपना फल नहीं खाता, सरोवर अपना पानी नहीं पीता है. उसी प्रकार सज्जन व्यक्ति अपन धन संचय परोपकार के लिए करते हैं।
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5. रहीम देखि बड़ेन ………………. कहा करै तरवारि ॥
अर्थ – रहीम कवि कहते हैं बड़े व्यक्ति या महान कार्य को पाकर छोटे को मत त्याग कीजिए । क्योंकि जहाँ सुई काम आने वाला है वहाँ तलवार कुछ नहीं कर सकती है।
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6. रहीमन वे नर मर ………………. मुख निकसत नाहिं।
अर्थ – रहीम कवि कहते हैं वह व्यक्ति मरा होता है जो किसी से कुछ माँगता है लेकिन उससे भी पहले वह मर जाता है जिसके मुख से याचक के लिए नहीं निकलता है।
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7. यो रहीम सुख ………………. मेंहदी का रंग।
अर्थ – उपकारी व्यक्ति की संगति भी लाभकारी होती है क्योंकि जो मेंहदी बाँटता है या दूसरे के हाथ में मेंहदी लगाता है उसका भी हाथ मेंहदी के रंग में रंग जाता है। अर्थात् परोपकार करने वाले का स्वयं उपकृत हो जाता है।
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8. कारज धीरे ………………. केतक सींचो नीर ॥
अर्थ – मनुष्य को अपने कर्म के प्रति अधौर नहीं होना चाहिए अर्थात धैर्य नहीं खोना चाहिए क्योंकि सब काम समय पर ही होता है। जैसे-पेड़ समय .. पर ही फलता है चाहे हम उसको कितना ही क्यों न सींचें।
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प्रश्न अभ्यास
प्रश्न 1. अपने मन की पीड़ा मन में ही क्यों छिपाकर रखनी चाहिए?
उत्तर:- मन की पीड़ा को अपने अंदर ही रखने की सलाह दी गई है क्योंकि कुछ लोग हमारी पीड़ा को समझ नहीं पाते और उसका मजाक उड़ा सकते हैं। हालांकि, अपनी भावनाओं को किसी विश्वसनीय व्यक्ति के साथ साझा करना अच्छा होता है।
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प्रश्न 2. प्रेम को धागे के समान क्यों कहाँ गया ?
उत्तर:- प्रेम को धागे के समान कहा गया है क्योंकि जैसे एक बार धागा टूट जाता है तो उसे पुनः जोड़ना मुश्किल होता है और वह पहले जैसा नहीं रहता। ठीक उसी तरह, प्रेम में दरार आने पर उसे पुनः पहले जैसा बनाना कठिन होता है।
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प्रश्न 3. किसी से कुछ माँगने के कर्म को कैसा बताया गया है और क्यों?
उत्तर:- किसी से कुछ मांगने की प्रक्रिया को मृत्यु के समान बताया गया है क्योंकि जब हम किसी से कुछ मांगते हैं और वह नहीं देता, तो हमारा आत्मसम्मान ठेस पहुंचती है और हमें लगता है कि हम कुछ नहीं कर सकते, जैसे मृत व्यक्ति कुछ नहीं कर सकता।
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प्रश्न 4. सज्जनों की संपत्ति किस कार्य के लिए होती है ?
उत्तर:- सज्जनों की संपत्ति दूसरों की सेवा और भलाई के लिए होती है, जैसे पेड़ फल देकर और नदियां बहकर दूसरों की सहायता करती हैं। सज्जन अपनी संपत्ति का इस्तेमाल दूसरों के हित में करते हैं।
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प्रश्न 5. रहीम की कुछ सुक्तियाँ नीचे दी गई हैं । पाठ के आधार पर उन उदाहरणों को लिखिए जो उन सुक्तियों के प्रणाम-स्वरूप दिए गए
(क) अच्छे लोगों पर बुरे लोगों की संगति का बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है।
उत्तर:
जो रहीम उत्तम प्रकृति, का करि सकत कुसंग।
चंदन विष व्याप्त नहि, लपटे रहत भुजंग ।।
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(ख) भले लोग (सज्जन लोग) परोपकार के कार्य पर खर्च करते है |
उत्तर:
तरुवर फल नहिं खात है, सरवर पियहिं न पानि ।
कही रहीम पर काज हित, संपत्ति सँचहिं सुजान ।
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(ग) हमें बड़े-छोटे सभी का सम्मान करना चाहिए।
उत्तर:
रहीम देखि बड़ेन को, लघु न दीजै डारि। जहाँ काम आवै सुई, कहा करै तरवारि ।।
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(घ) दूसरों का भला करने वालों का अपने आप भला हो जाता है ?
उत्तर:
यो रहीम सुख होत हैं, उपकारी के संग ।
बाँटनवारे को लगे, ज्यों मेंहदी का रंग ।।
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(ङ) हमें किसी कार्य के लिए अत्यधिक व्याकुल नहीं होना चाहिए।
उत्तर:
कारज धीरे होत है, काहे होत अधीर ।
समय पाइ तरुवर फले, केतक सींचो नीर ।
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2.पाठसे आगे।
1) ऐसे किन्हीं दो औसरो की चर्चा कीजिए जब आपने दूसरों के लिए काम किया और आपको उसका लाभ मिला है।
उत्तर- में मेरे दीदी के स्वाध्याय पूरा करके देती थी। पर उसका लाभ मुझे यह हुआ जब मैं उसके वर्ग में चली गई तब मुझे वह स्वाध्याय प्रश्न उत्तर बहुत ही आसान लगने लगे थे। और मेरा अक्षर भी सुधर गया।
दूसरा अवसर जब मेरे छोटे भाई को मैं इंग्लिश ग्रामर सिखाती थी। तब मेरा ग्रामर भी पक्का हो गया।
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2) परोपकार से आप क्या समझते हैं ऐसे कार्यों की सूची बनाईये जिन्हें आप परोपकार का कार्य समझते हैं?
उत्तर – परोपकार करना मतलब दूसरे के लिए काम करना। जैसे कि अनाथालय खुलवाना ,स्कूल खोलने, पक्षियों की देखरेख करना। गरीबों की मदद करना।
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व्याकरण
प्रश्न 1. समान अर्थ वाले शब्दों को मिलाइए –
राखों | काम |
अठीलाना | निकालना |
सरवर | इतराना |
निकसत | रखना |
कारज | तालाब |
उत्तर: SVM CLASSES SPECIAL BIHAR BOARD
राखों | रखना |
अठीलाना | इतराना |
सरवर | तालाब |
निकसत | निकालना |
कारज | काम |
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