Class 8 social science half yearly exam question paper bihar board || 8th sst half yearly question paper 2024

  1. रिक्त स्थानों को भरिए 

(1) यूरोप से भारत तक के समुद्री मार्ग की खोज ……………. ने की थी|(कोलंबस/वास्कोडिगामा)

(2) प्लासी के युद्ध में……………….. की हार हुई|(नवाब मीर कासिम/सिराजुद्दौला)

 

(3)………………. को भारत का मैनचेस्टर कहा जाता है|(अहमदाबाद/मुरादाबाद)

 

(4) बोकारो लोह इस्पात केंद्र ………………योजना में स्थापित की गई|(चौथी पंचवर्षीय/पांचवी पंचवर्षीय)

 

(5) संविधान के तीसरे भाग में………………… चर्चा है|(भौतिक अधिकार की/कर्तव्यों की) 

 

  1. सही कथन पर और गलत कथन पर का निशान लगे|

(1) संविधान सभा में प्रारूप समिति के अध्यक्ष पंडित जवाहरलाल नेहरू थे|

(2) अस्थाई बंदोबस्त 10 वर्षों तक के लिए था|

(3) मुक्त व्यापार की नीति ने कंपनी का एकाधिकार समाप्त कर दिया|

(4) बेंगलुरु को सिलिकॉन सिटी भी कहा जाता है|

(5) ग्रेफाइट का उपयोग पेंसिल बनाने में होता है|

 

  1. सही-सही मिलान कीजिए|

    कोलम क                                कोलम ख 

(1)दुर्गापुर।                           जयप्रकाश नारायण 

(2)विशाखापट्टनम                  दीनबंधु मित्र 

(3)नील दर्पण                        नागालैंड 

(4)जादू नंगा।                        आंध्र प्रदेश 

(5)संपूर्ण क्रांति।                     पश्चिम बंगाल

 

  1. निम्न प्रश्नों के उत्तर लगभग 50 शब्दों में दीजिए|

(1) अयस्क किसे कहते हैं? 

          अथवा 

  जल प्रदूषण की क्या-क्या कारण है? 

 

Ans :- वे खनिज जिनसे कम लागत एवं आसानी से सुविधापूर्वक विभिन्न धातुओं का निष्कर्षण किया जा सकता हो अयस्क (Ores)| कहलाते हैं।

Ans :- भारत में जल प्रदूषण के बढ़ते स्तर के प्रमुख कारण निम्नानुसार हैं:

1- औद्योगिक कूड़ा

2- कृषि क्षेत्र में अनुचित गतिविधियां

3- मैदानी इलाकों में बहने वाली नदियों के पानी की गुणवत्ता में कमी

4- सामाजिक और धार्मिक रीति-रिवाज, जैसे पानी में शव को बहाने, नहाने, कचरा फेंकने

5- जहाजों से होने वाला तेल का रिसाव

6- एसिड रैन (एसिड की बारिश)

7- ग्लोबल वार्मिंग

8- यूट्रोफिकेशन

9- औद्योगिक कचरे के निपटान की अपर्याप्त व्यवस्था

10- डीनाइट्रिफिकेशन

 

  1. दिए गए प्रश्नों का उत्तर लगभग 100 शब्दों में दीजिए|

(1) बिहार में कृषि का मुख्य विशेषताएं क्या-क्या हैं? 

                       अथवा 

     अंग्रेजी शासन के खिलाफ आदिवासियों के विद्रोह की चर्चा कीजिए?

Answer:- भूमि की उपलब्धता : बिहार का कुल भौगोलिक क्षेत्र 94.16 मिलियन हेक्टेयर है, जिसमें से लगभग 77% खेती के अधीन है। राज्य उपजाऊ मिट्टी और अनुकूल जलवायु परिस्थितियों से समृद्ध है जो फसलों की खेती के लिए उपयुक्त हैं।

छोटे और सीमांत किसानों का प्रभुत्व : बिहार की कृषि में मुख्य रूप से छोटे और सीमांत किसानों का वर्चस्व है, जिनके पास 2 हेक्टेयर से कम भूमि है। ये किसान अक्सर निर्वाह खेती करते हैं, और उनकी कृषि मुख्य रूप से वर्षा आधारित होती है।

फसल विविधता : बिहार की कृषि अपनी फसल विविधता के लिए जानी जाती है। राज्य चावल, गेहूं, मक्का, दालें, तिलहन, गन्ना और जूट जैसी विभिन्न फसलों का उत्पादन करता है।

मानसून पर निर्भरता : बिहार की कृषि मुख्य रूप से वर्षा आधारित है, और राज्य सिंचाई के लिए मानसून पर बहुत अधिक निर्भर है। अनियमित वर्षा पैटर्न अक्सर सूखे या बाढ़ का कारण बनता है, जो कृषि उत्पादन को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करता है।

कम उत्पादकता : अनुकूल जलवायु परिस्थितियाँ और उपजाऊ मिट्टी होने के बावजूद, बिहार की कृषि का उत्पादकता स्तर कम है। आधुनिक तकनीकों की कमी, अपर्याप्त बुनियादी ढाँचे और ऋण की खराब पहुँच के कारण राज्य देश में सबसे कम पैदावार में से एक है।

 

Answer :-

     अंग्रेजी शासन के खिलाफ आदिवासियों के विद्रोह की चर्चा कीजिए?

 

मुंडा विद्रोह

यह विद्रोह 1899-1900 में दक्षिण रांची क्षेत्र में हुआ था. इस विद्रोह का नेतृत्व बिरसा मुंडा ने किया था. बिरसा मुंडा को ‘धरती अब्बा’ या पृथ्वी पिता के नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने सामंती राज्य व्यवस्था के ख़िलाफ़ विद्रोह किया था. 

 

कोल विद्रोह

यह विद्रोह 1831 में झारखंड के कोल जनजाति ने किया था. यह विद्रोह 1833 तक चला था. इस विद्रोह को अंग्रेज़ों और बाहरी लोगों के शोषण का बदला लेने के लिए किया गया था. 

 

संथाल विद्रोह

यह विद्रोह 30 जून, 1855 को झारखंड और पश्चिम बंगाल में हुआ था. इस विद्रोह का नेतृत्व सिद्धू, कान्हू, चांद, भैरव, फूलो और झानो ने किया था. इस विद्रोह को संथाल हूल के नाम से भी जाना जाता है. 

 

आदिवासियों के विद्रोहों के बारे में कुछ और बातें:

आदिवासी विद्रोहों ने भारतीय राष्ट्रवादी आंदोलन को भी प्रभावित किया.

इन विद्रोहों के कारण आदिवासी समाज और संस्कृति पर भी असर पड़ा.

इन विद्रोहों के कारण आदिवासियों को अपने ही लोगों से विश्वासघात, दलबदल, और विभाजन का सामना करना पड़ा.

इन विद्रोहों के कारण आदिवासी लोगों को उनकी ज़मीन, स्वायत्तता, और अधिकार नहीं मिले. 

 

 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top